Sunday, January 14, 2024


 आओ! मनायें खुशियाँ अपरम्पार।

उड़ायें सब मिल पतंग आकाश।।


कहीं पोंगल, कहीं बिहू, कहीं लोहड़ी,

कहीं  मनायें  मकर   संक्रांति. ।

करें  नई फसल का स्वागत,

स्वागत सूर्य देव का, हुये उत्तरायण।।


धीरे, धीरे, धीरे होगी सर्दी कम,

आओ! मनायें खुशियाँ अपरम्पार।।


        डॉ. मंजूश्री गर्ग

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