Thursday, January 4, 2024

 

श्री सोम ठाकुर


डॉ. मंजूश्री गर्ग

जन्म-तिथि- 5 मार्च, सन् 1934 ई., आगरा(उ. प्र.)

श्री सोम ठाकुर मुक्तक, लोक गीत व ब्रजभाषा में छंदों के प्रसिद्ध रचियता व गायक कवि है। श्री सोम ठाकुर के पिता का नाम श्री दीपचन्द्र ठाकुर व माता का नाम श्रीमती श्याम देवी था। इनका बचपन का नाम सोम प्रकाश ठाकुर था। कविता लिखने के पश्चात् प्रसिद्ध कवि व गीतकार प्रो. जगत प्रकाश चतुर्वेदी के कहने पर इनके नाम के बीच से प्रकाश हट गया और ये सोम ठाकुर के नाम से प्रसिद्ध हुये। दस वर्ष की आयु तक अंग्रेजी, गणित व हिन्दी की पढ़ाई घर पर ही की। उसके बाद हाईस्कूल की शिक्षा गवर्नमेंट हाईस्कूल, आगरा से की। जीव विज्ञान से इण्टर किया और बी. एस. सी. की पढ़ाई शुरू की, लेकिन हिन्दी साहित्य व अंग्रेजी साहित्य में रूचि बढ़ने के कारण बी. एस. सी की पढ़ाई छोड़कर हिन्दी साहित्य व अंग्रेजी साहित्य में बी. ए. किया और हिन्दी में एम. ए. किया।

 

श्री सोम ठाकुर ने सन् 1959 ई. में आगरा कॉलेज से अध्यापन कार्य शुरू किया। सन्1963 ई. तक आगरा कॉलेज में पढ़ाया, फिर 1969 तक सेन्ट जॉन्स कॉलेज, आगरा में पढ़ाया। 1984 में मैनपुरी के नेशनल कॉलेज, भोगाँव में विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे। केंद्र सरकार की तरफ से हिन्दी भाषा के प्रसार के लिये इन्हें मॉरिशस भेजा गया, वहाँ से ये अमेरिका चले गये और 2004 तक वहाँ रहे। वापस आने पर उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष बने व इन्हें राज्य मंत्री का पद भी दिया गया। श्री सोम ठाकुर का व्यक्तित्व बहुत ही सहज, सरल व संवेदनशील था। व्यवसायिक कार्यों के साथ-साथ कविता लेखन व कविता पाठ का कार्य भी चलता रहा। 21 जून 1955 को आकाशवाणी, दिल्ली से भी कविता पाठ किया था।

 

आगरा की एक साहित्यित संस्था रत्नदीपने हिन्दी मासिक पत्र नवीनप्रकाशित किया, इसमें श्री सोम ठाकुर सह संपादक थे।

रचनायें-

प्रकाशित

अभियान-खंड-काव्य(1993)

एक ऋचा पाटल को-नवगीत-संग्रह(1997)

अप्रकाशित-

1.      चंदन और अबीर- राष्ट्र बोध गीतों का संग्रह

2.      लोकप्रिया- लोकप्रिय पारंपरिक गीतों का संग्रह

3.      ब्रज-छन्दिमा- ब्रज भाषा की कृतियों का संकलन

 

पुरस्कार-

1.      भारतीय आत्मा पुरस्कार, कानपुर

2.      डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन गीत पुरस्कार

3.      काका हाथरसी ट्रस्ट द्वारा-ब्रज भाषा पुरस्कार, हाथरस

4.      राष्ट्रभाषा परिषद् मुंबई द्वारा महीयसी पुरस्कार

5.      2006 में यशभारती पुरस्कार

6.      2009 में दुष्यंत कुमार अलंकरण से सम्मानित किया गया

श्री सोम ठाकुर की प्रसिद्ध रचना-

मेरे भारत की माटी है चंदन और अबीर

 

सागर चरण पखारे, गंगा शीश चढ़ावे नीर,

मेरे भारत की माटी है चन्दन और अबीर।

सौ-सौ नमन करूँ मैं भैय्या, सौ-सौ नमन करूँ।

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 फूटे फरे मटर की भुटिया, भुने झरे झर बेरी,

मिले कलेऊ में बजरा रोटी, मठा, मठेरी।

बेटा माँगे गुड़ की डलिया, बिटिया चना चबेना,

भाभी माँगे खट्टी अमिया, भैय्या रस की खीर

सौ-सौ नमन करूँ मैं भैय्या, सौ-सौ नमन करूँ।

 

 

 

 

 

 

 


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