14 फरवरी, 2024 बसंत पंचमी की हार्दिक
शुभकामनायें
शत्-शत् नमन माँ शारदे!
अर्पित तुम्हें मेरी भावाँजलियाँ
मेरी काव्याँजलियाँ।
शब्द-शब्द में स्वर्णिम आभा
भाव-भाव में अमृत रस घोला।
भाव, विभाव, अनुभाव
सब तुम्हारे अनुगामी हैं।
मेरी कृतियाँ अर्पित तुम्हें!
शत्-शत् नमन माँ शारदे!
डॉ. मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment