Saturday, February 3, 2024

 


जहाँ तुम्हारे चरण पड़ें, है वहीं मेरा सुखधाम।

तुम कृष्ण रूप में आओ या आओ बन राम।।

हाथ तुम्हारे सजे बाँसुरिया या सजे धनुष-बाण।

बाल रूप में आओ तुम या आओ बन युवा।।

राधा साथ आओ तुम या आओ साथ सीता।

जहाँ तुम्हारे चरण पड़ें, है वहीं मेरा सुखधाम।

 

            डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

  

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