जहाँ तुम्हारे चरण पड़ें, है वहीं
मेरा सुखधाम।
तुम कृष्ण रूप में आओ या आओ बन राम।।
हाथ तुम्हारे सजे बाँसुरिया या सजे
धनुष-बाण।
बाल रूप में आओ तुम या आओ बन युवा।।
राधा साथ आओ तुम या आओ साथ सीता।
जहाँ तुम्हारे चरण पड़ें, है वहीं
मेरा सुखधाम।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment