Monday, October 21, 2024


ऐसे बेहाल बेबाइन सों पग, कंटक-जाल लगे पुनि जोये।

हाय महादुख पायो सखा तुम, आयै इतै न कितै दिन खोये।

देखि सुदामा की दीन दसा, करूना करिके करूनानिधि रोये।

पानी परात का हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सौं पग धोये।

 

                                   नरोत्तम दास 

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