ऐसे बेहाल बेबाइन सों पग, कंटक-जाल लगे पुनि जोये।
हाय महादुख पायो सखा तुम, आयै इतै न कितै दिन खोये।
देखि सुदामा की दीन दसा, करूना करिके करूनानिधि रोये।
पानी परात का हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सौं पग धोये।
नरोत्तम दास
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