Tuesday, October 29, 2024


आँखों की ज्योति तुम ही,

अधरों की मुस्कान तुम ही।

दिल की धड़कन ही नहीं,

स्पन्दन भी हो तुम ही।।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

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