पवन को मिले फूल तो वो महक उठे।
रात को मिले चाँद तो वो जाग उठे।।
लहर को मिले किनारा तो वो बल खाये।
दिल से मिले दिल तो रूप खिल जाय़े।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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