Tuesday, October 22, 2024

 

महानगरों में ही नहीं, संयुक्त परिवारों के टूटने के कारण गाँवों और कस्बों में भी व्यक्तियों को एकाकीपन की वेदना झेलनी पड़ती है क्योंकि-

संयुक्त परिवारों के टूटते ही, संयुक्तता टूटती गयी।

ना आश्रय वृद्धों का रहा, ना छाँव बालकों की रही।

                                      डॉ. मंजूश्री गर्ग


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