Saturday, April 19, 2025


कभी चाँद बन मुस्कुराना,

कभी सूरज सा साध निभाना।

कभी बन तारे जगमगाना,

कभी बन खुशबू महक जाना।

यूँ ही बस साथ-साथ रहना,

हर पल जीवन में साथ निभाना। 


            डॉ. मंजूश्री गर्ग

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