Tuesday, April 22, 2025

 


यूँ ही नहीं....

यूँ ही नहीं बहकते

कदम हमारे।

मदहोशी-सी

छाई है हवा में आज।

शायद तुमसे मिल के

आई है पवन आज।


        डॉ. मंजूश्री गर्ग

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