हिन्दी साहित्य
Friday, July 7, 2017
झमाझम,
बरस रहा पानी।
भीग रही
गुड़िया रानी।
छतरी उड़े
हवा में और
भीगे हाथ
कागज की नाव।
सपने रहे
अधूरे मन
कैसे तैरे
नाव पानी में।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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