गुनगुनी सी धूप रंग लाई सर्दी में,
सूनी पड़ी मुंडेरे सज आई सर्दी में.
काजू, बादाम, तिलगोजे सब सपन हो गये,
मूँगफली के दाने मेवा बन आईं सर्दी में.
डॉ. मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment