जिन्होंने बर्फ में भी
शौर्य की चिंगारियाँ बो दीं
पहाड़ी चोटियों पर भी अभय
की क्यारियाँ बो दीं।
भगाकर दूर सारे गीदड़ों,
सारे श्रृंगालों को
जिन्होंने सिंह वाले युद्ध
में खुद्दारियाँ बो दीं।
अहर्निश जो बढ़े आगे विजय-अभियान
की खातिर
उन्हें शत्-शत् नमन मेरा,
उन्हें शत्-शत् नमन मेरा।
उर्मिलेश ‘शंखधार’
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