कालिदास! सच-सच बतलाना
इन्दुमती के मृत्यु शोक से
अज रोया या तुम रोये थे?
कालिदास! सच-सच बतलाना
X X X X
पर पीड़ा से पूर-पूर हो
थक-थक कर और चूर-चूर हो
अमल-धवल गिरि के शिखरों पर
प्रियवर! तुम कब तक
सोये थे?
रोया यक्ष कि तुम रोये थे?
कालिदास! सच-सच बतलाना
नागार्जुन
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