ऋतु-चक्र
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
सर्दी में सर्दी पड़े, गर्मी में गर्मी.
तभी तो ऋतु-चक्र चलेगा,
सहज जीवन चक्र चलेगा.
बर्फ गिरेगी, हवा चलेगी.
बर्फ पिघलेगी, नदी बहेंगी.
बादल बनेंगे, बादल बरसेंगे.
हर्षित होगी धरा सारी.
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