Sunday, January 7, 2018


मंजिल पानी है गर
अवरोधों से डरना कैसा!
कौन है? जिसने ताप सहा नहीं
सूरज जैसा चमका जो भी।
              डॉ0 मंजूश्री गर्ग

No comments:

Post a Comment