ऊँचाई नहीं होती है
पतंग की
ऊँचाई होती है पेड़
की
जो धरती में गढ़ा
होता है।
क्योंकि पतंग की
ऊँचाई
डोर से बँधी होती है
जो होती है किसी और
के हाथ
जो जब चाहे ऊपर उठा
दे
जब चाहे नीचे गिरा
दे
जब चाहे किसी से
मिला दे
जब चाहे धरती पे
गिरा दे।
अब तुम सोच लो ऊँचा
उठना है
पेड़ सा या पतंग सा
पेड़ के लिये धरती
में गढ़ना होता है
और पतंग के लिये डोर
किसी और के हाथों में
देने की मजबूरी है।
सुरेन्द्र शर्मा
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