Thursday, June 20, 2019



शब्दों के वाणों से जब घायल होते हैं
अपने ही अपनों के दुश्मन होते हैं।
वाणी पे संयम से यदि काम लें
कितने ही महाभारत रूक सकते हैं।
                             डॉ. मंजूश्री गर्ग


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