गुनगुनी सी धूप देख छत पे आ गये
ये नजारे शीत के मन लुभा गये।
बर्फ जमी पहाड़ियाँ, धुंध भरी घाटियाँ
दूर से ही देख कर मन लुभा गये।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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