Tuesday, January 24, 2023


मुमकिन नहीं।

डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

 रहो उदास तुम,

खुश रहें हम,

मुमकिन नहीं।

पाला भी पड़े,

तुलसी भी ना सूखे,

मुमकिन नहीं।

------


  

No comments:

Post a Comment