Saturday, April 1, 2023


ना सर्द हवायें हैं ना गरम,

फूल भी खिलें हैं अनगिन।

फिर भी न जाने क्यों?

उदास है मन।


               डॉ. मंजूश्री गर्ग 

No comments:

Post a Comment