Monday, January 20, 2025


जमीं पे नहीं पड़ते हैं कदम हमारे।

अरमानों को पंख लगे हैं आज।।

आकाश को छू लेंगे एक दिन हम।

चाहतों में नया रंग भरा है आज।।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

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