Wednesday, January 22, 2025

 


सुबह हुई तो,

 

सुबह हुई तो,

रात के

मधुर सपने

चुरा ले गयी।

कुछ लालिमा

आकाश तले,

कुछ मधुरता

फूलों पे

बिखरा गयी।

        डॉ. मंजूश्री गर्ग

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