गीत
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
आज मिले हैं मेरे
पिया से नयन
सखि री! मेरा
मन थिरके
तन थिरके।
बिन मौसम
कोयल की
कुहू-कुहू
गूँजे मन मेरे
सखि री! मेरा
मन थिरके
तन थिरके।
बिन मेंहदी
रची हथेली
महके
मन मेरे
सखि री! मेरा
मन थिरके
तन थिरके।
बिन दीपक
रोशन आँगन
उजाला
मन मेरे
सखि री! मेरा
मन थिरके
तन थिरके।
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