Monday, October 9, 2017


गीत

डॉ0 मंजूश्री गर्ग

आज मिले हैं मेरे
पिया से नयन
सखि री! मेरा
मन थिरके
तन थिरके।

बिन मौसम
कोयल की
कुहू-कुहू
गूँजे मन मेरे
सखि री! मेरा
मन थिरके
तन थिरके।

बिन मेंहदी
रची हथेली
महके
मन मेरे
सखि री! मेरा
मन थिरके
तन थिरके।

बिन दीपक
रोशन आँगन
उजाला
मन मेरे
सखि री! मेरा
मन थिरके
तन थिरके।






























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