सुबह सुहानी
महकने दो,
चहकने दो,
फुदकने दो।
है सुबह सुहानी,
उपवन में फैली हरियाली,
पग-तले बिखरे हैं मोती।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment