Wednesday, October 19, 2022


सुबह सुहानी

 

महकने दो,

चहकने दो,

फुदकने दो।

है सुबह सुहानी,

उपवन में फैली हरियाली,

पग-तले बिखरे हैं मोती।


                 डॉ. मंजूश्री गर्ग 

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