Friday, October 28, 2022


प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने श्रृंगार व प्रेम के स्वरूप का वर्णन किया है-

सब सुख दायक नायिका-नायक जुगत अनूप,

राधा हरि आधार जस रस सिंगार सरूप।

                           देव 

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