Friday, October 7, 2022

 

बादलों से झाँक रहा चाँद

 

बादलों से झाँक रहा चाँद

धीरे-धीरे नदी के जल में

उतर  रहा  चाँद।

कर रहा अठखेलियाँ

बिखरा रहा चाँदनी।

नदी के सौंदर्य में

लगा रहा चार चाँद।


           डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

 

 

 

 

 


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