Saturday, June 3, 2023


तुम आओ या ना आओ,

हम तुम्हारे दरस को आते रहेंगे।

 

कभी चाँदनी बन मुस्कुरायेंगे,

कभी बन बदली बरस जायेंगे।

 

कभी फूल बन मुस्कुरायेंगे,

कभी बन तितली उड़ जायेंगे।

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग          

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