Thursday, November 21, 2024


बरसते मेघ-दल से कहिये,

पिघलते हिम-खंड से कहिये।

कहनी है बात दूर तलक तो,

बहती हुई पवन से कहिये।।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

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