Monday, November 25, 2024


मन के पाँवों में बँधे हैं, उनकी यादों के घुँघरू।

सँभाल के पाँव रखे चाहे जितना, झनकते ही हैं ये घुँघरू।।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

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