जिंदगी के शोख सपने
फैले थे मन-पटल पर।
सोख्ते* की तरह सोख लिये
जिंदगी की कड़ी धूप ने।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
*सोख्ता-Blotting Paper
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