Sunday, January 8, 2017


गजल
डॉ0 मंजूश्री गर्ग

पल-पल बदलते मौसम का हाल क्या कहिये।
रंग बदलती  दुनिया का हाल क्या कहिये।।

फटी  जीन्स  फैशन  है  आजकल का ।
अमीरी-गरीबी  का  हाल क्या कहिये ।।

कंक्रीटी-जंगलों   में  रहे  हैं  बदल।
शहरों का अब और हाल क्या कहिये ।।

बिन  बोले  ही बहुत बोले हैं नयन।
दिल का अब और हाल क्या कहिये ।।

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