Tuesday, February 27, 2018


हाइकु

डॉ0 मंजूश्री गर्ग

चिडियाँ जागीं
चहकी डाली सारी
हुआ सबेरा.

पलाश-वन
दहके अंगारे से
फागुन-मास.

----------
-------

No comments:

Post a Comment