मुहावरे एवम लोकोक्तियाँ
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
मौखिक
एवम लिखित भावाभिव्यक्ति को सशक्त, आकर्षक और
प्रभावी बनाने में मुहावरे व लोकोक्तियों का प्रयोग बहुत सहायक होता है. भाषा में
लाक्षणिकता इन्हीं के प्रयोग से आती है.
मुहावरे-
ऐसा
वाक्यांश, जो निरंतर प्रयोग से या अभ्यास से
सामान्य(कोशीय) अर्थ का बोध न कराकर, किसी विशेष अर्थ का बोध
कराता है तो उसे मुहावरा कहते हैं. मुहावरे का रुप वाक्य के लिंग, वचन और कारक के अनुसार परिवर्तित होता है.
उदाहरण-
मुहावरा
है “आँख का तारा होना” इसका अर्थ है ‘बहुत प्रिय
होना’. इस मुहावरे का प्रयोग दो वाक्यों में दो रुप से हुआ
है-
1. मोहन
अपनी माँ के आँख के तारे थे.
2. राधा
अपनी माँ की आँख की तारा थी.
लोकोक्ति-
लोकोक्ति
शब्द लोक+उक्ति से बना है जिसका अर्थ है जन साधारण में प्रचलित कथन. लोकोक्तियों
का निर्माण जीवन के अनुभवों के आधार पर होता है. अपने कथन की पुष्टि करने,
उदाहरण देने या अभिव्यक्ति को अधिक प्रभावी बनाने के लिये
लोकोक्तियों का प्रयोग किया जाता है. लोकोक्तियों का प्रयोग कथन की पुष्टि के लिये
वाक्य के अंत में किया जाता है.
उदाहरण-
विश्व
कप जीतने पर सबने भारतीय क्रिकेट टीम की सराहना की, सच है- ‘अंत भला तो सब भला’.
उपर्युक्त
कथन में ‘अंत भला तो सब भला’ लोकोक्ति के माध्यम से कहा गया है कि विश्व कप जीतने के कारण भारतीय टीम
में जो कमियाँ थीं, उन पर किसी का ध्यान नहीं गया.
मुहावरे
एवम लोकोक्ति में अंतर-
1. लोकोक्ति
लोक में प्रचलित उक्ति है, जो भूतकाल का लोक
अनुभव लिये हुये होती है; जबकि मुहावरा अपने रुढ़ अर्थ के
लिये प्रसिद्ध होता है.
2. लोकोक्ति
अपने आप में पूर्ण वाक्य है, जबकि मुहावरा
खण्ड वाक्य.
3. पूर्ण
वाक्य होने के कारण लोकोक्ति का प्रयोग स्वतंत्र एवम अपने आप में पूर्ण इकाई के
रुप में होता है; जबकि मुहावरा किसी वाक्य का अंश
बनकर आता है.
4. पूर्ण
इकाई होने के कारण लोकोक्ति में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं होता,
जबकि मुहावरे में वाक्य के अनुसार परिवर्तन होता है.
116.
मुहावरे अर्थ
1. अंग-अंग
मुस्कराना बहुत
प्रसन्न होना
2. अक्ल
का दुश्मन मूर्ख
3. आँख
दिखाना गुस्से
से देखना
4. आँखों
में धूल झोंकना धोखा
देना
5. आँखों
का तारा अतिप्रिय
6. कलेजे
पर पत्थर रखना दुःख
में भी
धीरज रखना
7. कानों
कान खबर न होना बिल्कुल
पता न चलना
8. नाकों
चने चबाना बहुत
तंग करना
9. मुँह
में पानी भर आना दिल
ललचाना
10. दाँतों
तले उँगली दबाना आश्चर्य
प्रकट करना
11. दाँत
काटी रोटी घनिष्ठता,
पक्की मित्रता
12. गले
मढ़ना जबरदस्ती
किसी को कुछ देना
13. हाथों
हाथ बहुत
जल्दी
14. हाथ
मलते रह जाना पछताना
15. हवाई
किले बनाना झूठी
कल्पनायें करना
16. पानी
फेर देना नाश
कर देना
17. ईद
का चाँद बहुत
कम दीखना
18. कलई
खुलना रहस्य
प्रकट हो जाना
19. कोल्हू
का बैल निरंतर
काम में लगे रहना
20. खाक
छानना दर-दर
भटकना
21. घड़ों
पानी पड़ना लज्जित
होना
22. नौ
दो ग्यारह होना चम्पत
होना, भाग जाना
23. फूँक-फूँक
कर कदम रखना सोच समझ
कर कदम बढ़ाना
24. लोहे
के चने चबाना बहुत
कठिनाई का सामना करना
लोकोक्ति अर्थ
1.
अधजल
गगरी छलकत जाये कम गुण वाला
व्यक्ति
दिखावा बहुत करता है.
2.
अब
पछताए होत क्या जब समय निकल जाने पर पछताने
चिङिया
चुग गयी खेत से क्या लाभ
3.
आम के
आम गुठलियों के दाम दुगुना लाभ
4.
ऊँची
दुकान फीका पकवान केवल ऊपरी दिखावा
करना
5.
घर का
भेदी लंका ढ़ाए आपसी फूट के
कारण भेद
खोलना
6.
जिसकी
लाठी उसकी भैंस शक्तिशाली
की विजय होती है
7.
जल में
रहकर मगर से बैर किसी के आश्रय
में रहकर उससे
शत्रुता मोल लेना
8.
थोथा
चना बाजे घना जिसमें सत
नहीं होता, वह
दिखावा करता है
9.
दूध का
दूध पानी का पानी सच झूठ का
सही-सही पता
लगाना
10.
दूर के
ढोल सुहावने जो
चीजें दूर से अच्छी लगे,
किंतु हकीकत
में अच्छी न हों
11.
नाच न
जाने आँगन टेढ़ा काम करना न
आये और बहाने
बनाये
12.
बिन
माँगे मोती मिले, माँगे
बिना अच्छी वस्तु की
माँगे
बिना ना भीख प्राप्ति हो
जाती है, माँगने पर
साधारण भी नहीं
मिलती
13.
मन चंगा
तो कठौती यदि मन पवित्र
हो,
में
गंगा तो घर ही
तीर्थ है
14.
नया नौ
दिन , नई
वस्तु का विश्वास नहीं पुराना सौ दिन पुरानी
वस्तु टिकाऊ होती है
15.
साँप
मरे ना लाठी टूटे हानि भी न
हो और काम
भी बन जाये
16.
सौ
सुनार की एक लुहार की निर्बल की
सैकडों चोटों का
सबल एक ही चोट से
मुकाबला कर देता है.
17.
सावन
हरे ना भादों सूखे सदैव एक सी
स्थिति में
रहना
18.
अन्त
भला तो सब भला जिसका परिणाम
अच्छा है,
वह सर्वोत्तम है.
19.
अधजल
गगरी छलकत जाये कम गुण वाला
व्यक्ति
दिखावा बहुत करता है.
20.
अब
पछताए होत क्या जब समय निकल जाने पर पछताने
चिङिया
चुग गयी खेत से क्या लाभ
21.
आम के
आम गुठलियों के दाम दुगुना लाभ
119.
22.
ऊँची
दुकान फीका पकवान केवल ऊपरी
दिखावा करना
23.
घर का
भेदी लंका ढ़ाए आपसी फूट के कारण भेद
खोलना
24.
जिसकी
लाठी उसकी भैंस शक्तिशाली
की विजय होती है
25.
जल में
रहकर मगर से बैर किसी के आश्रय
में रहकर उससे
शत्रुता मोल लेना
26.
थोथा
चना बाजे घना जिसमें सत
नहीं होता, वह
दिखावा करता है
27.
दूध का
दूध पानी का पानी सच झूठ का
सही-सही पता
लगाना
28.
दूर के
ढोल सुहावने जो
चीजें दूर से अच्छी लगे,
किंतु हकीकत
में अच्छी न हों
29.
नाच न
जाने आँगन टेढ़ा काम करना न
आये और बहाने
बनाये
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