Saturday, November 11, 2017

हाइकु

डॉ0 मंजूश्री गर्ग

नये-पुराने
रिश्ते तोड़कर
तेरे साथ मैं.


तुम मुस्काओ
मुरझाये फूल भी
खिल उठेंगे.

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