Tuesday, November 7, 2017


हाइकु

डॉ0 मंजूश्री गर्ग

सब कह दे
चेहरा है आईना
लाख छुपायें.


ख्बाब सजे
नींद की टहनी पे
जागे तो टूटे.

------

No comments:

Post a Comment