Tuesday, April 24, 2018



जमीं पर नहीं पड़ते हैं कदम हमारे,
अरमानों को पंख लगे हैं आज।
आकाश को छू लेंगे एक दिन हम,
चाहतों में नया रंग भरा है आज।

                                         डॉ0 मंजूश्री गर्ग

No comments:

Post a Comment