Saturday, October 20, 2018














कर सोलह श्रृंगार
साँझ की दुल्हन बैठी है.
सूरज की लालिमा
माथे पे सजा.
पहन कर
सितारों जड़ी चूनर.
लगाकर
रात का काजल.
कर रही इंतजार
कब आओगे पाहुने!

     डॉ0 मंजूश्री गर्ग


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