Friday, May 10, 2019



यादों के समन्दर में, यादों की नावें,
यादों की नावों में, यादें सवार,
दूर क्षितिज तक, नजरें पहुँचें जहाँ तक,
दिखती हैं यादें ही यादें हर तरफ.

                          डॉ. मंजूश्री गर्ग

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