हिन्दी साहित्य
Monday, May 6, 2019
विद्या धन उद्यम बिना, कहौ जु पावै कौन।
बिना डुले ना मिलै, ज्यों पँखा की पौन।।
कविवर वृंद
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment