भाषा विज्ञान
डॉ. मंजूश्री गर्ग
परिभाषा-
भाषा का वैज्ञानिक अध्ययन
ही भाषा विज्ञान है. भाषा विज्ञान में भाषा की उत्पत्ति, स्वरूप, विकास, आदि पर
विवेचन और विश्लेषण वैज्ञानिक आधार पर किया जाता है.
नामकरण-
सबसे पहला नाम फिलोलॉजी(philology) प्राप्त होता है. भाषा
विज्ञान का अध्ययन ग्रीक, लैटिन, आदि साहित्यिक भाषाओं के अध्ययन से प्रारम्भ हुआ
था इसलिये भाषा विज्ञान का साहित्य से घनिष्ठ सम्बन्ध माना जाता है. फिलोलॉजी का
अर्थ ही साहित्यिक दृष्टिकोण से भाषा का अध्ययन है. व्याकरण से घनिष्ठ सम्बन्ध होने
के कारण तुलनात्मक व्याकरण(कम्पेरेटिव ग्रामर) नाम भी दिया गया. हिन्दी में भी तुलनात्मक
भाषा शास्त्र, भाषा विचार, भाषा विज्ञान, आदि नाम प्रचलित हैं. इन सभी नामों
में से भाषा विज्ञान नाम सर्व प्रचलित है.
भाषा विज्ञान में वैज्ञानिक दृष्टि से
तथ्यों के सूक्ष्म निरिक्षण और विश्लेषण की प्रवृत्ति बहुत अधिक देखने को मिलती
है. भाषा विज्ञान का सम्बन्ध मनोविज्ञान, साहित्य, समाज शास्त्र, भूगोल,
भौतिक शास्त्र(शब्द-लहरियाँ-sound waves), शरीर विज्ञान से है.
भाषा का वैज्ञानिक विश्लेषण
तीन रूपों में किया जाता है-
1.वर्णात्मक- भाषा विज्ञान के अन्तर्गत
भाषा के सम्पूर्ण अंगों का विशिष्ट विवेचन किया जाता है.
2.तुलनात्मक- भाषा विज्ञान के अन्तर्गत
एक से अधिक भाषाओं का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है.
3.ऐतिहासिक- भाषा विज्ञान के अन्तर्गत
भाषा की उत्पत्ति और विकास के बारे में विवेचन किया जाता है.
उपर्युक्त तीनों रूपों के
भी दो-दो रूप होते हैं-
क. सैद्धान्तिक- सामान्य
सिद्धान्तों की समीक्षा की जाती है.
ख. व्यवहारिक- किसी विशेष भाषा
की विस्तृत विवेचना की जाती है.
भाषा के सैद्धान्तिक और
व्यवहारिक अध्ययन के लिये भाषा विज्ञान को मुख्यतया चार वर्गों में बाँटा जाता है-
1. ध्वनि विज्ञान
2. पद विज्ञान या रूप विज्ञान
3. वाक्य विज्ञान
4. अर्थ विज्ञान
इसके अतिरिक्त
प्रागैतिहासिक खोज, व्युत्पत्ति शास्त्र, लिपि का वैज्ञानिक अध्ययन भी भाषा
विज्ञान के अध्ययन के विषय हैं.
भाषा विज्ञान और व्याकरण का
अन्तर-
1. भाषा विज्ञान और व्याकरण एक
दूसरे के सहायक होते हुये भी एक दूसरे से भिन्न हैं. भाषा विज्ञान को व्याकरण की
व्याख्या माना जाता है क्योंकि व्याकरण स्थिर भाषा के नियम निर्धारित करता है और
भाषा विज्ञान स्थिर भाषा में होने वाले अवश्यम्भावी परिवर्तनों की व्याख्या करता
है.
2. व्याकरण का सम्बन्ध भाषा के
क्या होना चाहिये के साथ है तो भाषा विज्ञान का सम्बन्ध क्या होता है पक्ष
में.
3. भाषा विज्ञान का क्षेत्र
व्याकरण की अपेक्षा अधिक विस्तृत है क्योंकि व्याकरण किसी काल विशेष की एक भाषा से
सम्बन्धित होता है जबकि भाषा विज्ञान समस्त संसार की भाषाओं से सम्बन्धित है.
इसमें समय का कोई बन्धन नहीं है.
4. व्याकरण भाषा विज्ञान का
ऋणी है क्योंकि व्याकरण भाषा विज्ञान द्वारा की गई व्याख्याओं को धीरे-धीरे
आत्मसात कर लेता है.
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