हिन्दी साहित्य
Sunday, May 26, 2019
जरा-जरा सी बातों पर
मत रूठो मेरे अभिमानी
लो प्रसन्न हो जाओ
गलती मैंने अपनी सब मानी।
सुभद्रा कुमारी चौहान
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