हिन्दी साहित्य
Friday, May 24, 2019
चाहतों के मेलों ने
उपवन सजा दिये।
फूलों को नये रंग, गंध दे दिये।
पक्षियों को नव राग दे दिये।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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