हिन्दी साहित्य
Monday, July 8, 2019
पिघलते हिम खंड
डॉ. मंजूश्री गर्ग
पिघलते-
पिघलते
ठोस से
द्रव बन गये।
जहाँ गये
उसी
साँचे में
ढ़ल गये।
जिससे मिले
उसी
रंग में
मिल गये।
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