Tuesday, May 10, 2022


गीत

डॉ. मंजूश्री गर्ग

 कैसे मन की बात कहें

मन पे मन का बोझ है।

 

रात अँधेरी चमके तारे

सजन हमारे कहाँ छुपे हो?

हम तो सजनि! साथ तुम्हारे

पूनम मावस हाथ तुम्हारे।

 

चाँद-चाँदनी साथ चले

धरती औ आकाश तले।

फूलों में फूलों की खुशबू

ऐसे मन में आन बसे हो।

 

 

 

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