Friday, May 6, 2022

 


मन के पाँवों में बँधे हैं, उनकी यादों के घुँघरू।

सँभाल के पाँव रखे चाहे जितना, झनकते ही हैं ये घुँघरू।।


                     डॉ. मंजूश्री गर्ग


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