Sunday, September 11, 2022


 

मंजिल पानी है गर

अवरोधों से डरना कैसा!

कौन है? जिसने ताप सहा नहीं

सूरज जैसा चमका जो भी।।


      डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

No comments:

Post a Comment