Tuesday, September 6, 2022


आ जाओ कान्हा! सूनी हैं

वृन्दावन की गलियाँ सारी।

सूने हैं तट यमुना के,

सूनी कदंब की छाँव है ।

                डॉ. मंजूश्री गर्ग

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