9 सितंबर, 2022 भारतेन्दु हरिश्चन्द्रजी की जयंती पर शत्-शत् नमन
नये जमाने की मुकरी
सीटी देकर पास बुलावै।
रूपया ले तो निकट बिठावै।
ले भागे मोहिं खेलहिं खेल।
क्यों सखि सज्जन नहिं सखि रेल।।1।।
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
सुंदर बानी कहि समुझावै।
विधवागन सो नेह बढ़ावै।
दयानिधान परम गुन-आगर।
क्यों सखि सज्जन नहिं विद्यासागर।।2।।
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
No comments:
Post a Comment