Wednesday, December 14, 2022


गीत

डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

बहुत उदास है मन

पास आओ सनम.

 

प्यार की रूनझुन

गुमसुम है कब से

के नये सुर

साधो सनम.

 

मेंहदी की, महावर की

रंगत है फीकी

के नये रंग

भरो सनम.

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